यूपी टीचर अवार्ड फॉर्म भरें : लास्ट डेट 15 फरवरी से पहले ही। यदि आप राज्य अध्यापक पुरस्कार पाना चाहते हैं तो ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। फॉर्म भरने की अंतिम डेट 15 फरवरी है।
शिक्षकों के लिए राज अध्यापक पुरस्कार की व्यवस्था का उद्देश्य प्रदेश एवं जनपदों के सर्वोत्तम शिक्षकों के अनुपम योगदान को प्रोत्साहित करना है। इसीलिए प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों से अलग-अलग शिक्षकों का चयन इस पुरस्कार हेतु किया जाता है।
पिछले वर्ष राज्य अध्यापक पुरस्कार में 50 से कम की संख्या में अध्यापक चयनित हुए थे इसके पीछे कई प्रमुख कारण थे।
जो प्रमुख कारण थे उसमें से पहला विद्यालय में 150 छात्रों का नामांकन होना साथ ही साथ सेवा के 15 वर्ष भी पूरे होने चाहिए।
वर्ष 2023 से पूर्व पुरस्कार पाने के लिए सेवा के केवल 5 वर्ष ही निर्धारित थे लेकिन यह बढ़ा देने से बहुत से अध्यापक इस पुरस्कार से वंचित रह गए। वहीं इस वर्ष भी यह नियम लागू रहेगा।
यदि आप बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक या उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं तो आप आवेदन कर सकते हैं।
सेवा के 15 वर्ष पूरे होने चाहिए और सेवानिवृत्ति के पांच वर्ष शेष बचे होने चाहिए।
संविदा शिक्षक इस पुरस्कार के लिए फॉर्म अप्लाई नहीं कर सकते हैं।
जो शिक्षक पहले से राज्य या राष्ट्रीय पुरस्कार पा चुके हैं वह भी दोबारा आवेदन नहीं कर सकते हैं।
ऐसे शिक्षक जो फॉर्म भरते हैं वह किसी ट्यूशन में सन्लिप्त नहीं होने चाहिए।
संविदा शिक्षक और शिक्षामित्र इस पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं भर सकते हैं।
अवकाश प्राप्त या सेवानिवृत्ति सूचक शिक्षक भी पुरस्कार के लिए आ रहा नहीं होंगे।
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अन्य ध्यान देने योग्य बातें-
शिक्षक द्वारा लगातार नामांकन बढ़ाने के लिए कार्य किया गया हो।
शिक्षक के खिलाफ किसी प्रकार का खंड शिक्षा अधिकारी अथवा बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा सस्पेंड नोटिस ना निर्गत हुआ हो।
विद्यालय में प्रचलित रजिस्टर को सत प्रतिशत ऑनलाइन किया गया हो।
मूल्यांकन प्रक्रिया –
कुल 100 नंबर का मूल्यांकन होगा जिसमें तीन प्रकार का मानक निर्धारित है।
1. पहले मानक के सापेक्ष 40 अंक अधिभार स्वरूप दिए जाएंगे जिसमें उसके द्वारा भरे गए फार्म में वस्तुनिष्ठ मानक निश्चित है।
2. दूसरे मानक के अंतर्गत शिक्षक के कार्य को 40 अंक अधिभार स्वरूप प्रदान किया जाएगा।
3. तृतीय मानक के अंतर्गत 20 नंबर चयन समिति द्वारा साक्षात्कार एवं प्रस्तुतीकरण के फल स्वरूप दिया जाएगा।
राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए आवेदन प्रक्रिया-
शिक्षकों द्वारा आवेदन प्रेरणा पोर्टल (www.prernaup.in) के माध्यम से ही करना होगा। ऑफलाइन कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
आवेदक द्वारा जो भी सूचनाओं उपलब्ध कराए जाएं वह स्पष्ट होनी चाहिए।
जो भी छायाचित्र अपलोड किए जाएं वह स्पष्ट एवं साफ सुथरे होने चाहिए।
नोट – प्रत्येक जिले में एक चयन समिति बनाई जाएगी जिसमें प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अध्यक्ष होंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। वरिष्ठतम खंड शिक्षा अधिकारी सदस्य होंगे और जिलाधिकारी द्वारा नामित कोई भी जनपद स्तर का एक शिक्षाविद् सदस्य के रूप में कार्य करेगा।
जनपदीय चयन समिति के कार्य–
जनपद स्तर पर आवेदित समस्त फार्म की सूचनाओं का सत्यापन भौतिक रूप से करेगा।
जनपद चयन समिति द्वारा आवेदकों का मूल्यांकन और अंकन किया जाएगा।
जनपद चयन समिति द्वारा यह प्रमाणित किया जाएगा की तथ्यों के उचित सत्यापन के बाद ही अंक प्रदान किए गए हैं।
पूरी जांच पड़ताल के पश्चात जनपद चयन समिति द्वारा तीन शिक्षकों को शॉर्टलिस्ट करने के उपरांत प्रमाण पत्र के साथ राज्य चयन समिति को फॉरवर्ड किया जाएगा।
राज्य चयन समिति –
जनपदीय चयन समिति द्वारा प्राप्त आवेदनों को पुनः परीक्षण कर मूल्यांकन करेगा।
अभ्यर्थी द्वारा चयन समिति के समक्ष अपना साक्षात्कार प्रस्तुतीकरण देना होगा।
राज्य चयन समिति आवेदित पत्रों के मूल्यांकन एवं प्रस्तुतीकरण/साक्षात्कार के आधार पर विचार करते हुए प्रत्येक जनपद से एक अध्यापक/अध्यापिका को राज्य अध्यापक पुरस्कार प्रदान किए जाने हेतु अपनी संस्तुति शासन को संदर्भित करेगा।
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इस प्रकार राज्य अध्यापक पुरस्कार प्रदान किया जाता है उम्मीद है आपको या लेख पसंद आया होगा और काफी हेल्पफुल होगा। आपका कोई विचार है तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर भेजें।
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