पढ़ाई की उम्र में 13 साल की नाबालिक लड़की को दे रहे थे दीक्षा: जिसके चलते महंत और नाबालिक लड़की को अखाड़ा से बाहर कर दिया गया है।
मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के जूना अखाड़ा का है जिसमें 13 साल की नाबालिक लड़की सन्यासिनी बनना चाहती थी। अखाड़ा के नियमों के खिलाफ मानते हुए दीक्षा देने वाले गुरु महंत कौशल गिरी को भी 7 वर्षों के लिए अखाड़ा से बाहर कर दिया गया है।
क्या है मामला?
13 साल की एक नाबालिक लड़की जिसका नाम रेखा सिंह (बदला हुआ नाम गौरी गिरी) ने पिछले दिनों महंत कौशल गिरी महाराज से दीक्षा ली थी। लड़की की मां रीमा सिंह ने बताया कि महंत कौशल गिरी महाराज पिछले तीन वर्षों से उनके गांव में भागवत कथा सुनने आते हैं। जहां पर उनकी बेटी ने सांसारिक मोह माया त्यागने की बात कही और साध्वी बनने की इच्छा जताई। इस पर महंत ने कहा कि अगर ईश्वर की मर्जी है तो बेटी को जूना अखाड़ा में सौंप दीजिए। महंत कुशाल गिरी ने उसे बेटी को दीक्षा देकर उसका नया नाम गौरी गिरी दिया। लड़की की मां रीमा सिंह ने अपनी बेटी को जूनागढ़ को सौंप दिया।
महन्त और लड़की निष्कासित क्यों हुए ?
जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्री महंत नारायण गिरी ने बताया कि अखाड़ा के नियमों के अनुसार 25 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को अखाड़े में प्रवेश नहीं दिया जा सकता। नाबालिक लड़की के मामले को लेकर अखाड़ा में बैठक हुई। काफी विचार विमर्श किया गया और सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया की लड़की के प्रवेश को रद्द किया जाएगा क्योंकि उसकी उम्र अभी 13 साल है। लड़की नाबालिक है और यह उम्र उसके पढ़ने की है लड़की के साथ-साथ महंत कौशल गिरी महाराज को भी 7 वर्षों के लिए अखाड़ा परिषद से निष्कासित कर दिया जाएगा।
महंत नारायण गिरी ने बताया कि नाबालिग लड़की को पूरे सम्मान के साथ उसके माता-पिता को सुपुर्द कर दिया गया है। जूना अखाड़ा के नियमों के अनुसार 25 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को अखाड़े में शामिल नहीं किया जा सकता है। लेकिन यदि कोई नाबालिक लड़का अखाड़े में प्रवेश लेना चाहता है तो उसके माता-पिता की सहमति से उसे अखाड़ा में शामिल किया जा सकता है।
शुक्रवार को जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत हरि गिरी अध्यक्ष प्रेम गिरी और अन्य वरिष्ठ संतो ने बैठक में भाग लिया। सभी ने महंत कौशल गिरी के प्रति नाराजगी जताई और कहा कि यह चिंता का विषय है कि उन्होंने बिना अखाड़ा को सूचित किए एक नाबालिक लड़की को दीक्षा दिया।
नाबालिक लड़की अपने माता-पिता के पास है। महंत कौशल गिरी को 7 वर्षों के लिए जूना अखाड़ा से निष्कासित कर दिया जाएगा। 25 वर्ष होने पर वह लड़की पुनः जूना अखाड़ा में शामिल हो सकती है।